लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती ऐसा नहीं है की आप तिलक लगाकर बाहर निकले और सामने वाला वशीकरण की तरह व्यवहार करे. इसके प्रभाव से सामने वाला आपकी बात नहीं काट पायेगा. “ओम कामदेवाय शाकाल शाद्रष दक्ष दशु धारा कुसुम हैं हैं स्वाहा Now whenever you get time, consider https://vashikaran76431.blogthisbiz.com/41714453/not-known-factual-statements-about-mahavidya